By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Devbhumi DiscoverDevbhumi DiscoverDevbhumi Discover
  • उत्तरप्रदेश
  • उत्तराखण्ड
  • क्राइम
  • खेल
  • दुनिया
  • देश
  • धर्म
  • पर्यटन
  • E-Paper
  • राजनीति
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
Search
Recent Posts
  • उत्तराखंड राज्य स्थापना: रजत जयंती पर सात दिन तक लगेंगे पेंशन जागरूकता शिविर, मिलेगी सारी जानकारी
  • सीएम धामी की दो टूक: कुंभ मेले में सजगता से करें काम…वरना मछलियों पर नहीं अब मगरमच्छ पर होगी कार्रवाई
  • स्वास्थ्य विभाग में 287 चिकित्सकों की और होगी भर्ती
  • राज्य के विकास के लिए अगले 25 वर्षों के लिए नया रोडमैप बनाया जायेगा – मुख्यमंत्री
  • लोकपर्व इगास पर रुद्रप्रयाग के आपदा प्रभावित परिवारों के बीच पहुँचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
  • Advertise
© 2023 Devbhumi Discover. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs
Reading: आपदा का कारण बताने पर विवाद, मौसम वैज्ञानिकों ने बादल फटने की आशंका को किया खारिज
Share
Notification Show More
Font ResizerAa
Devbhumi DiscoverDevbhumi Discover
Font ResizerAa
  • उत्तरप्रदेश
  • उत्तराखण्ड
  • क्राइम
  • खेल
  • दुनिया
  • देश
  • धर्म
  • पर्यटन
  • E-Paper
  • राजनीति
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
Search
  • उत्तरप्रदेश
  • उत्तराखण्ड
  • क्राइम
  • खेल
  • दुनिया
  • देश
  • धर्म
  • पर्यटन
  • E-Paper
  • राजनीति
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
Follow US
  • Advertise
© 2023 Devbhumi Discover. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs
Devbhumi Discover > उत्तराखण्ड > आपदा का कारण बताने पर विवाद, मौसम वैज्ञानिकों ने बादल फटने की आशंका को किया खारिज
उत्तराखण्ड

आपदा का कारण बताने पर विवाद, मौसम वैज्ञानिकों ने बादल फटने की आशंका को किया खारिज

Devbhumi Discover
Last updated: September 15, 2025 8:07 am
Devbhumi Discover
Share
4 Min Read
SHARE

उत्तराखंड में बीते दिनों आई आपदा का कारण बादल फटना माना जा रहा था। लेकिन मौसम वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि बादल फटने की उनके पास कोई घटना रिकॉर्ड ही नहीं हुई।

उत्तराखंड में बीते दिनों आई आपदा का कारण बादल फटना माना जा रहा था। लेकिन मौसम वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि बादल फटने की उनके पास कोई घटना रिकॉर्ड ही नहीं हुई।

राज्य में धराली, थराली समेत कई जगहों पर भीषण प्राकृतिक आपदा आई। इन आपदाओं के पीछे लोगों ने बादल फटना कहा है। पर वैज्ञानिक राज्य में बादल फटने की घटना नहीं मान रहे हैं। प्रदेश में तेज बरसात के साथ ही सामान्य से अधिक बारिश के चलते तबाही मची।

मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल कहते हैं कि अधिक बारिश और नुकसान के चलते उसे बादल फटना मान लिया जाता है। एक घंटे में 100 एमएम बरसात होती है, तो उसे बादल फटना माना जाता है। इस सीजन में ऐसी कोई भी घटना रिकार्ड नहीं हुई है। एक घंटे में एक एमएम से बीस एमएम तक तीव्र बरसात, 20 से 50 एमएम अति तीव्र और 50 से 100 एमएम तक अत्यंत तीव्र बारिश का दौर माना जाता है। इसमें तीव्र और अति तीव्र बरसात का अनुपात अधिक होती है। इसके अलावा अत्यंत तीव्र बारिश 01 घंटे में 100 एमएम बारिश होना माना जाता है बादल फटना भी रिपोर्ट हुई है।

अटरिया विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ माधवन नायर राजीवन के अनुसार भी बादल फटने की घटना रिपोर्ट नहीं हुई है, उनके अनुसार इसके लिए तय मानक है। इसके आधार पर ही बादल फटना माना जा सकता है। इसके लिए साक्ष्य होना चाहिए, जो नहीं है। अगर पहाड़ों में एक दिन में पांच एमएम भी बरसात होती है, तो भी वह बहुत नुकसान कर सकती है। पहाड़ों पर ढलान होती है, उसके साथ पानी, पत्थर, मलबा आता है, इससे बाढ़ का स्तर ऊंचा हो जाता है। ऐसे में राज्य में जब तेज बारिश से इतना नुकसान हुआ है, ऐसे में बादल फटने की घटना होती तो नुकसान और बड़ा हो सकता था। अब तक सरकारी विभागों ने मानसून में आई आपदा से 5700 करोड़ से अधिक के नुकसान का आकलन किया है।

85 लोगों की हो चुकी मौत
प्रदेश में एक अप्रैल से नौ सितंबर तक प्राकृतिक आपदा में 85 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 94 लोग लापता हैं। 3726 मकानों को आंशिक 195 को गंभीर नुकसान पहुंचा। आपदा की चपेट में आने में 274 मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए।

22% अधिक हुई है बारिश

राज्य में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। एक जून से नौ सितंबर तक 1299.3 एमएम बरसात हुई, जबकि सामान्य बारिश 1060.7 एमएम है। 22 प्रतिशत सामान्य से अधिक बारिश हुई है। अगर केवल एक सितंबर से नौ सितंबर तक की बात करें तो भी मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार सामान्य से 67 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है। ज्ञात हो कि हिमाचल, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पंजाब, जम्मू कश्मीर व लद्दाख, हरियाणा चंडीगढ़ दिल्ली से अधिक बारिश उत्तराखंड में होती है।

बारिश के पैटर्न में भी बदलाव
उच्च हिमालीय क्षेत्रों में बारिश के पैटर्न में बदलाव को देखने को मिला है। उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री और डोकरानी में वाडिया संस्थान अध्ययन कर रहा है। यहां पर उपकरण लगे हुए हैं। वाडिया संस्थान के निदेशक विनीत गहलोत कहते हैं कि हर्षिल में जिस दिन आपदा आयी थी, उस दिन वहां पर कुल 20 एमएम बरसात हुई जबकि डोकरानी ग्लेशियर है, वहां पर लगे उपकरणों में पांच गुना बारिश रिपोर्ट हुई।

You Might Also Like

उत्तराखंड राज्य स्थापना: रजत जयंती पर सात दिन तक लगेंगे पेंशन जागरूकता शिविर, मिलेगी सारी जानकारी

सीएम धामी की दो टूक: कुंभ मेले में सजगता से करें काम…वरना मछलियों पर नहीं अब मगरमच्छ पर होगी कार्रवाई

स्वास्थ्य विभाग में 287 चिकित्सकों की और होगी भर्ती

राज्य के विकास के लिए अगले 25 वर्षों के लिए नया रोडमैप बनाया जायेगा – मुख्यमंत्री

लोकपर्व इगास पर रुद्रप्रयाग के आपदा प्रभावित परिवारों के बीच पहुँचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

TAGGED:Controversy overthe cause of the disaster; meteorologists dismissedthe possibility of cloudburst
Share This Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Share
Previous Article डाकपत्थर बैराज के पुल से हिमाचल के युवक ने यमुना नदी में लगाई छलांग, तलाश में जुटी एसडीआरएफ
Next Article दून में सक्रिय शातिर लड़कियों का गैंग, ठगी-लूट से रहें सावधान
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay Connected

100FollowersLike
100FollowersFollow
100FollowersFollow
100SubscribersSubscribe
4.4kFollowersFollow
- Advertisement -
Ad imageAd image

Latest News

मुख्य सचिव ने FRI में रजत जयंती तैयारियों का लिया जायजा, पीएम दौरे को लेकर दिए सख्त निर्देश
उत्तराखण्ड November 1, 2025
मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में आयोजित देवभूमि रजत उत्सव 2025 में किया प्रतिभाग
उत्तराखण्ड November 1, 2025
विदेश से ऐतिहासिक पहल: गढ़वाली-कुमाऊँनी-जौनसारी भाषाओं के लिए एआई आधारित पोर्टल लॉन्च
उत्तराखण्ड November 1, 2025
राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती पर प्रदेशभर में विशेष कार्यक्रमों की तैयारी शुरू
उत्तराखण्ड October 31, 2025
Devbhumi DiscoverDevbhumi Discover
Follow US
© 2023 Devbhumi Discover. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?