गैरसैंण:
ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में उप जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं और गर्भवती महिला सुशीला देवी व शिशु की मौत के विरोध में लोगों ने तहसील का घेराव किया। आक्रोशित लोगों ने सरकार से तत्काल कार्रवाई और स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।
प्रदर्शनकारियों ने सबसे पहले सुशीला देवी की मौत की मजिस्ट्रेट जांच कराने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि उप जिला अस्पताल का उद्घाटन तब तक न किया जाए, जब तक वहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति न हो जाए। इसमें सर्जन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, एनेस्थीसिया और बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती तत्काल करने की मांग की गई। साथ ही अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर की व्यवस्था भी जल्द से जल्द बनाने पर जोर दिया गया।
आंदोलनकारियों ने यह भी कहा कि किसी भी मरीज, विशेषकर गर्भवती महिला, को यदि जिला अस्पताल से अन्यत्र हायर सेंटर रेफर किया जाता है, तो उसके साथ एक विशेषज्ञ डॉक्टर का होना अनिवार्य किया जाए।
गैरसैंण अस्पताल में मौजूद पुरानी अल्ट्रासाउंड मशीन को बदलने और नई मशीन उपलब्ध कराने की भी मांग की गई। साथ ही, गर्भवती महिलाओं के इलाज व रेफर की स्थिति में संपूर्ण खर्चा सरकार द्वारा वहन करने और किसी अप्रिय घटना की स्थिति में मुआवजा राशि तय कर भुगतान करने की मांग की गई।
लोगों ने कहा कि अस्पताल में मौजूद 108 एंबुलेंस सेवा जर्जर हालत में है, जिसे तत्काल बदलकर नई एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाए।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर गंभीर कदम नहीं उठाए, तो गैरसैंण से लेकर पूरे क्षेत्र में जनआंदोलन तेज किया जाएगा।