उपभोक्ताओं के लिए जरूरी खबर…जुलाई में इतना महंगा आएगा बिजली का बिल
यूपीसीएल र महीने जितनी बिजली खरीदता है, उसके दामों पर एफपीपीसीए के तहत अगले महीने रिकवरी या छूट दी जाती है। अगर निर्धारित दामों से अधिक पर खरीद हुई तो उपभोक्ताओं से रिकवरी होगी और कम दरों पर खरीदी तो उन्हें छूट दी जाती है।
यूपीसीएल अब हर महीने जितनी बिजली खरीदता है, उसके दामों पर फ्यूल एंड पावर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट (एफपीपीसीए) के तहत अगले महीने रिकवरी या छूट दी जाती है। अगर निर्धारित दामों से अधिक पर खरीद हुई तो उपभोक्ताओं से रिकवरी होगी और कम दरों पर खरीदी तो उन्हें छूट दी जाती है। इस खरीद-फरोख्त, रिकवरी-छूट की माहवार और तिमाही रिपोर्ट नियामक आयोग के समक्ष पेश की जाती है।
यूपीसीएल ने नियामक आयोग में याचिका दायर कर बताया था कि पिछले साल अक्तूबर से दिसंबर के बीच उपभोक्ताओं से एफपीपीसीए के तहत 35 करोड़ की रिकवरी की गई जबकि इस तिमाही में कुल बिजली खरीद की लागत 57.73 करोड़ थी। इस हिसाब में कुल 22.73 करोड़ का अंतर था। यूपीसीएल ने आयोग से इसकी वसूली की अनुमति मांगी थी।
बाजार से तीन करोड़ यूनिट बिजली खरीद रहा यूपीसीएल
प्रदेश में दो दिन मौसम का नरम रुख रहने के चलते बिजली की मांग में करीब 50 से 80 लाख यूनिट की कमी आई है। अब बिजली की मांग 4.9 करोड़ यूनिट है, जिसके सापेक्ष आपूर्ति भी पूरी की जा रही है। केंद्रीय पूल से राज्य को 2.2 करोड़ और राज्य से 2.1 करोड़ यूनिट बिजली मिल रही है। बाकी की पूर्ति के लिए यूपीसीएल रोजाना करीब तीन करोड़ यूनिट बिजली बाजार से खरीद रहा है। निगम का दावा है कि फिलहाल कहीं भी कटौती नहीं की जा रही है।