देहरादून।
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पहले भी हुआ नाम में परिवर्तन :- आपको बता दें कि उत्तराखंड में पहली बार किसी जगह का नाम नहीं बदला गया है, बल्कि इससे पहले भी धामी सरकार ने चमोली जिले में स्थित जोशीमठ का नाम बदलकर ज्योतिर्मठ किया था। हालांकि तब किसी को कोई आश्चर्य नहीं हुआ था। क्योंकि जोशीमठ का नाम बदलकर ज्योतिर्मठ किए जाने की मांग काफी समय से चल रही थी। इसके पहले एक बार उत्तराखंड का नाम भी बदला जा चुका है। उत्तराखंड का पुराना नाम उत्तराचंल था, जिसे बाद में उत्तराखंड किया गया था, लेकिन वर्तमान में ऐसा क्यों किया गया, इसके पीछे कोई ठोस वजह सामने नहीं आ रही है. क्योंकि जिन इलाकों का नाम बदला गया है, वो कोई प्रसिद्ध स्थान भी नहीं हैं।सीएम धामी का बयान- वहीं सीएम धामी ने कहा कि लोगों को लंबे समय से प्रतीक्षा थी, वहां के नाम वहां की जन भावनाओं और संस्कृति के अनुरूप होना चाहिए. साथ ही उन क्षेत्रों के जो महापुरुष रहे हैं और उनका क्षेत्र में योगदान रहा हो, इसलिए नाम देवभूमि के अनुरूप होने चाहिए. सभी के जो सुझाव आए थे, इसलिए उन नामों की घोषणा की गई है।पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड सरकार
ख़बर देहरादून से हैं जहां सूबे के पुष्कर सिंह धामी सरकार ने 31 मार्च 2025 को बड़ा फैसला लेते हुए उत्तराखंड राज्य के चार अलग अलग जिलों में कई जगहों के नाम बदल दिए। सीएम पुष्कर सिंह धामी के इस फैसले के बाद उत्तराखंड में एक नई बहस शुरू हो गई है। हालांकि आपको बता दे कि मुख्यमंत्री के इस फैसले कई जगहों पर सरहाना करते हुए फैसले का स्वागत किया जा रहा है, तो कोई इस निर्णय को बीजेपी की नौटंकी बता रहा है। आपको बता दें कि 31 मार्च यानी सोमवार देर शाम धामी सरकार की ओर से एक आदेश जारी हुआ। जिसके बाद हरिद्वार, नैनीताल, उधम सिंह नगर और देहरादून जिले में स्थित करीब 17 जगहों के नाम बदल दिए गए। सरकार ने जो नाम बदले हैं, वो या तो मुगल शासकों को नाम पर थे, या फिर विशेष समुदाय के लोगों के नाम पर थे।