देहरादून।
विधानसभा चुनाव में अभी समय है लेकिन सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। कांग्रेस से पूर्व कैबिनेट मंत्री और रुद्रप्रयाग से पूर्व विधायक हरक सिंह रावत को रुद्रप्रयाग से वर्तमान भाजपा विधायक भरत सिंह चौधरी ने दोबारा चुनाव लड़ने की खुली चुनौती दी है।
भरत चौधरी ने कहा कि रावत स्वयं को सैन्य विज्ञान का प्रोफेसर बताते हैं। ऐसे में वह दो महीने बाद किसी भी सार्वजनिक मंच पर उनके साथ सैन्य विज्ञान पर खुली चर्चा कर लें। साथ ही उन्होंने रावत को चुनौती दी कि आगामी विधानसभा चुनाव में रुद्रप्रयाग से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़कर दिखाएं और उतने वोट हासिल करें जितने जनता ने उन्हें 2017 और 2022 में दिए थे।
भाजपा विधायक ने कहा कि रावत लंबे समय से भाजपा और उनके खिलाफ अनावश्यक बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2015 में रुद्रप्रयाग में सैनिक स्कूल की स्वीकृति मिली थी, लेकिन 2021 तक मंत्री रहते हुए भी रावत निर्माण कार्य नहीं करा सके। उल्टा सैनिक स्कूल के नाम पर 10 करोड़ रुपये ठिकाने लगा दिए।
भरत चौधरी ने वर्ष 1991 और 1993 के चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि राम लहर के सहारे रावत ने जीत हासिल की थी, लेकिन 1996 के चुनाव में उन्हें करारी हार मिली थी। उन्होंने कहा कि जनता भलीभांति जानती है कि कौन सच बोल रहा है और किसका विकास कार्यों से कोई लेना-देना नहीं है।
भाजपा विधायक ने रावत के उस बयान की भी आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह भाजपा की अंत्येष्टि के बाद ही फूलमाला पहनेंगे।
रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट को लेकर दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। अब देखना होगा कि आने वाले चुनाव में यह सियासी चुनौती किस तरह रंग लाती है।