देहरादून, 12 दिसंबर : दून कल्चरल एंड लिटरेरी सोसाइटी (DCLS) द्वारा आयोजित बहुचर्चित क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल का तीसरा संस्करण आज से 14 दिसंबर तक होटल हयात सेंट्रिक, देहरादून में शुरू हो रहा है। उद्घाटन समारोह में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) मुख्य अतिथि होंगे, जबकि प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक केतन मेहता सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
तीन दिन तक चलने वाले इस फेस्टिवल में पुलिसिंग, अपराध साहित्य, पत्रकारिता और सिनेमा से जुड़े देशभर के प्रतिष्ठित नाम शिरकत कर रहे हैं। इनमें अभिनेत्री अनुरिता के झा और त्रिधा चौधरी (वेब सीरीज़ ‘आश्रम’ फेम), पूर्व यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार, पूर्व दिल्ली पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार, आईपीएस अधिकारी नवनीत सेकेरा, टीवी प्रोड्यूसर और लेखक अनिर्बन भट्टाचार्य, पूर्व एसीपी व लेखक मधुकर जेंदे, लेखक अनिरुद्ध्य मित्रा, लेखक-अभिनेता ज़ीशान कादरी और केके गौतम जैसी प्रमुख हस्तियां शामिल हैं।
फेस्टिवल के अध्यक्ष और पूर्व डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि यह अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी संस्करण है, जो पुलिसिंग, साहित्य, पत्रकारिता, सिनेमा और सार्वजनिक नीति के विविध दृष्टिकोणों को सामने लाएगा। फेस्टिवल निदेशक और पूर्व डीजी उत्तराखंड आलोक लाल ने कहा कि अपराध समाज की सशक्त कहानी है और यह मंच वास्तविक जांच व अनुभवों को साझा करने का अवसर देता है।
उद्घाटन दिवस के प्रमुख सत्र:
‘मिर्च मसाला से मांझी तक’ — केतन मेहता और आलोक लाल के बीच विशेष बातचीत, जिसमें सिनेमा में सामाजिक अन्याय की कहानियों पर चर्चा होगी।
‘द एनफोर्सर – भारत के बैडलैंड्स में एक आईपीएस अधिकारी की जंग’ — प्रशांत कुमार, अनिरुद्ध्य मित्रा और अशोक कुमार की सहभागिता वाला हाई-पावर सत्र।
दूसरे दिन के प्रमुख कार्यक्रम:
क्राइम हेल्पलाइन एवं सड़क कानून, देसी पल्प साहित्य, महिला और अपराध, चार्ल्स सोभराज फाइल्स, आतंकवाद नेटवर्क तोड़ने पर चर्चा (अशोक कुमार, ले. जनरल ए.के. सिंह, कर्नल सुनील कोटनाला), मिशन सऊदी लॉन्च, और उत्तराखंड को उभरती फिल्म नगरी बनाने पर विमर्श। दिन का समापन मनोरंजक काव्यात्मक मुकाबले ‘तू चोर, मैं सिपाही’ से होगा।
अंतिम दिन:
अपराध रिपोर्टिंग (अश्विनी भटनागर व शम्स ताहिर खान), नाबालिग न्याय (अमोद कांत, नीरज कुमार), खुफिया संचालन (अनिल रतुरी, अनिरुद्ध्य मित्रा) जैसे महत्वपूर्ण सत्रों के साथ दिनभर डीप फेक, लैंड फ्रॉड, ड्रग्स, वीमेन सेफ्टी, साइबर क्राइम, सीरियल किलर और बहुभाषी अपराध साहित्य पर भी चर्चा होगी।
फेस्टिवल सचिव रंधीर के अरोड़ा ने कहा कि लक्ष्य एक ऐसा मंच देना है जहां अपराध, रचनात्मकता और सार्वजनिक संवाद एक साथ सार्थक रूप से आगे बढ़ सकें। मुख्य समन्वयक प्रवीन चंडोक के अनुसार फेस्टिवल उत्तराखंड की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करने का बड़ा अवसर भी साबित होगा।

