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Devbhumi Discover > उत्तराखण्ड > पुलिस प्राधिकरण में शिकायत पर जांच में पिथौरागढ़ के पूर्व SSP दोषी, शिकायतकर्ता को कार्यालय में था पीटा.. कार्रवाई के आदेश
उत्तराखण्ड

पुलिस प्राधिकरण में शिकायत पर जांच में पिथौरागढ़ के पूर्व SSP दोषी, शिकायतकर्ता को कार्यालय में था पीटा.. कार्रवाई के आदेश

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Last updated: December 12, 2025 8:25 am
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देहरादून

राज्य पुलिस प्राधिकरण ने शिकायत पर हुई विवेचना और सुनवाई के बाद IPS अफसर को दोषी पाते हुए उत्तराखंड पुलिस अधिनियम के अंतर्गत विभिन्न धाराओं में कार्रवाई की संस्तुति की है। हालांकि आरोपी पुलिस अधिकारी 28 नवंबर कोही अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं और केंद सरकार द्वारा इस्तीफे को मंजूर भी कर लिया गया है।

घटना 6 फरवरी 2023 की है। एक आरटीआई कार्यकर्ता और कपड़ों के व्यापारी लक्ष्मी दत्त जोशी ने राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण को शिकायत की थी।

जोशी का कहना था कि वह भी पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त सफाई कर्मचारी के बेटे हैं। उनका घर पुलिस लाइंस परिसर में ही स्थित है। वह छह फरवरी 2023 को पुलिस विभाग के क्वार्टर से निकल रही गंदगी की शिकायत करने के लिए एसपी पिथौरागढ़ लोकेश्वर सिंह के पास गए थे। आरोप था कि इस पर लोकेश्वर सिंह उन्हें अपने कार्यालय से सटे एक कमरे में ले गए। वहां पर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था। इसके बाद उन्हें नग्न किया और मारपीट शुरू कर दी। उनके मातहतों ने भी जोशी के साथ मारपीट की। इसके बाद उन्होंने जोशी को पिछले दरवाजे से बाहर निकाल दिया जहां पर सीसीटीवी कैमरे नहीं थे।

इस पर उन्होंने जिला चिकित्सालय में अपना मेडिकल कराया जिसमें उन्हें एक्स-रे की सलाह दी गई। इस शिकायत पर प्राधिकरण ने लोकेश्वर सिंह को बुलाया लेकिन उन्होंने शपथशुदा अपना पक्ष प्राधिकरण के पास भेजा। इसमें कहा गया कि जोशी आपराधिक किस्म के व्यक्ति हैं और उनके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज हैं। उस दिन भी जोशी को कुछ वाहनों में आगजनी में पूछताछ के सिलसिले में बुलाया गया था। लोकेश्वर सिंह ने मारपीट के आरोपों से इन्कार किया था। पूर्व कप्तान लोकेश्वर सिंह ने अगली सुनवाई में भी इसी प्रकार अपना जवाब भेजा और कहा कि पुलिस लाइंस में गंदगी वाली बात भी सही नहीं है। इस पर शिकायतकर्ता जोशी ने मुकदमों के संबंध में बताया कि सभी मुदकमों में पुलिस कर्मचारी ही वादी हैं और इनमें से किसी में भी उन्हें सजा या जुर्माना नहीं लगाया गया है।

न्यायमूर्ति एनएस धानिक की अध्यक्षता और पूर्व आईपीएस पुष्पक ज्योति व अजय जोशी की सदस्यता वाली पीठ ने तत्कालीन पुलिस कप्तान लोकेश्वर सिंह के तथ्यों में कोई दम नहीं पाया। पीठ ने माना कि एसपी पिथौरागढ़ के तथ्य विश्वास योग्य नहीं हैं। जबकि, शिकायतकर्ता लक्ष्मी दत्त जोशी के पास घटना के दिन ही कराया गया मेडिकल और एक्स-रे की रिपोर्ट है। इसमें चोट 12-24 घंटे के भीतर होना पाया है। लोकेश्वर सिंह ने इसके विरोध में अपना कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया है। शिकायतकर्ता ने किसी थाने के कर्मचारी पर आरोप नहीं लगाए हैं। लिहाजा एसपी लोकेश्वर सिंह पर यह आरोप सिद्ध होते हैं जो कि पुलिस विभाग की छवि को भी धूमिल करने वाले हैं।

सारी विवेचना और सुनवाई से यह सिद्ध हुआ है कि शिकायतकर्ता को नग्न बैठाकर उनके साथ मारपीट की गई। प्राधिकरण ने इस मामले में उत्तराखंड पुलिस अधिनियम की विभिन्न धाराओं में कार्रवाई की संस्तुति करते सरकार को निर्देशित किया है। लोकेश्वर सिंह पौड़ी जिले के पुलिस कप्तान रहते हुए अक्तूबर में त्यागपत्र दे चुके हैं। उनका चयन संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी एक संस्था में हुआ था। फिलहाल वह अवकाश पर चल रहे हैं। लोकेश्वर सिंह ने उत्तराखंड कैडर में 11 साल सेवाएं दी हैं। गत 28 नवंबर को उनका इस्तीफा केंद्र सरकार ने मंजूर भी कर लिया है।

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TAGGED:Former SSP of Pithoragarh found guiltyin the investigation of a complaint lodgedwith the police authority; the complainant was beaten in the office. Action ordered.
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