By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Devbhumi DiscoverDevbhumi DiscoverDevbhumi Discover
  • उत्तरप्रदेश
  • उत्तराखण्ड
  • क्राइम
  • खेल
  • दुनिया
  • देश
  • धर्म
  • पर्यटन
  • E-Paper
  • राजनीति
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
Search
Recent Posts
  • मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में व्यय वित्त समिति की बैठक, प्रस्तावों को मिली संस्तुति
  • भारी मात्रा में अवैध मादक पदार्थो के साथ 02 अंतरराज्यीय नशा तस्कर आये दून पुलिस की गिरफ्त में
  • उत्तराखंड के मुख्य सचिव तलब, 2.5 साल से गंगा फ्लड प्लेन तय न करने पर सख्त हुआ एनजीटी
  • आईएमए 157वीं पासिंग आउट परेड में देशभक्ति का ज्वार, कविता और कदमताल ने भरा जोश
  • 20 दिसंबर तक केएमवीएन-जीएमवीएन की सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के मुख्यमंत्री के निर्देश
  • Advertise
© 2023 Devbhumi Discover. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs
Reading: उत्तराखंड के मुख्य सचिव तलब, 2.5 साल से गंगा फ्लड प्लेन तय न करने पर सख्त हुआ एनजीटी
Share
Notification Show More
Font ResizerAa
Devbhumi DiscoverDevbhumi Discover
Font ResizerAa
  • उत्तरप्रदेश
  • उत्तराखण्ड
  • क्राइम
  • खेल
  • दुनिया
  • देश
  • धर्म
  • पर्यटन
  • E-Paper
  • राजनीति
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
Search
  • उत्तरप्रदेश
  • उत्तराखण्ड
  • क्राइम
  • खेल
  • दुनिया
  • देश
  • धर्म
  • पर्यटन
  • E-Paper
  • राजनीति
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
Follow US
  • Advertise
© 2023 Devbhumi Discover. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs
Devbhumi Discover > उत्तराखण्ड > उत्तराखंड के मुख्य सचिव तलब, 2.5 साल से गंगा फ्लड प्लेन तय न करने पर सख्त हुआ एनजीटी
उत्तराखण्ड

उत्तराखंड के मुख्य सचिव तलब, 2.5 साल से गंगा फ्लड प्लेन तय न करने पर सख्त हुआ एनजीटी

Devbhumi Discover
Last updated: December 14, 2025 8:44 am
Devbhumi Discover
Share
5 Min Read
SHARE

गंगा नदी के फ्लड प्लेन (बाढ़ क्षेत्र) के सीमांकन में लगातार टालमटोल और आदेशों की अनदेखी पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तराखंड सरकार पर रुख अपनाया है। एनजीटी ने राज्य के मुख्य सचिव को प्रतिवादी बनाते हुए जिम्मेदार अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं और 08 सप्ताह में कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की है।

नई दिल्ली स्थित एनजीटी की प्रधान पीठ ने हरिद्वार के कनखल स्थित बेलीराम आश्रम क्षेत्र में गंगा की फ्लड प्लेन में हुए निर्माण कार्य और उससे जुड़े प्रदूषण के मामले की सुनवाई करते हुए यह सख्त आदेश पारित किया। न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए सेंथिल वेल की पीठ ने स्पष्ट किया कि गंगा की फ्लड प्लेन का सीमांकन 1:100 वर्ष की अधिकतम बाढ़ सीमा को आधार बनाकर किया जाना कानूनन अनिवार्य है।

देश भर में 1 मीटर कंटूर, उत्तराखंड में अलग नियम
एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि गंगा पुनर्जीवन, संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण आदेश-2016 के तहत गंगा और उसकी सहायक नदियों के अंतर्गत आने वाले अन्य राज्यों में फ्लड प्लेन का सीमांकन 1 मीटर कंटूर के आधार पर किया जा रहा है, जबकि उत्तराखंड में अब तक 10 मीटर कंटूर अपनाया गया, जिससे वास्तविक बाढ़ क्षेत्र संकुचित हो गया।

राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (NIH), रुड़की के वैज्ञानिक एके लोहानी ने ट्रिब्यूनल को बताया कि वर्ष 2016 में 1 मीटर कंटूर डेटा उपलब्ध नहीं था, लेकिन अब यह उपलब्ध है और अधिक सटीक है। उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक आंकड़े मौजूद हैं और 1 मीटर कंटूर के आधार पर सीमांकन एक से दो महीने में पूरा किया जा सकता है।

06 महीने का भरोसा, फिर भी जमीनी काम शून्य
एनजीटी ने रिकॉर्ड पर लिया कि 18 अगस्त 2025 को उत्तराखंड सरकार ने ट्रिब्यूनल को बताया था कि छह माह में फ्लड प्लेन का सीमांकन पूरा कर लिया जाएगा। इसके बावजूद 13 नवंबर 2025 की सुनवाई में स्वीकार किया गया कि कोई प्रगति नहीं हुई। बाद में सिंचाई विभाग, हरिद्वार के अधिशासी अभियंता ओमजी गुप्ता ने फंड की कमी का हवाला दिया, जिस पर एनजीटी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पहले ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई थी।

एनजीटी के आदेश के विपरीत लिया गया फैसला
ट्रिब्यूनल ने यह भी पाया कि राज्य सरकार की बैठक के मिनट्स में पहले के आदेशों का हवाला देते हुए 1 मीटर कंटूर के बजाय 1 मीटर DEM (डिजिटल एलिवेशन मॉडल) से सीमांकन का निर्णय लिया गया, जो एनजीटी के निर्देशों से मेल नहीं खाता।

मुख्य सचिव को सीधे निर्देश
एनजीटी ने कहा कि मामला मार्च 2023 से लंबित है और अब तक 13 बार सुनवाई हो चुकी है, लेकिन जमीनी स्तर पर काम शुरू नहीं हुआ। इस पर ट्रिब्यूनल ने आदेश दिया कि देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की पहचान कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। फंड की कमी के कारण कार्य प्रभावित न हो, यह सुनिश्चित किया जाए और आठ सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल की जाए। मामले में अगली सुनवाई 23 फरवरी 2026 को होगी।

100 वर्ष की बाढ़ (1:100 Flood) क्या होती है?
इसका अर्थ यह नहीं कि बाढ़ 100 साल में एक बार ही आएगी, बल्कि इसका मतलब है कि किसी क्षेत्र में किसी विशेष स्तर की बाढ़ आने की प्रत्येक वर्ष 01 प्रतिशत आशंका रहती है। पर्यावरण कानूनों में फ्लड प्लेन तय करने के लिए इसी अधिकतम संभावित बाढ़ स्तर को आधार बनाया जाता है।

1 मीटर कंटूर क्या है और क्यों जरूरी है?
कंटूर रेखाएं जमीन की ऊंचाई दर्शाती हैं। 1 मीटर कंटूर हर एक मीटर ऊंचाई का सटीक डेटा दर्शाता है। 10 मीटर कंटूर बहुत मोटा और कम सटीक आकलन देता है। 1 मीटर कंटूर से नदी के फैलाव और बाढ़ क्षेत्र की सही तस्वीर मिलती है, जिससे अतिक्रमण रोका जा सकता है।

DEM बनाम कंटूर: विवाद क्या है?
DEM (Digital Elevation Model) कंप्यूटर आधारित मॉडल है। कंटूर मैप भौतिक ऊंचाई रेखाओं पर आधारित होता है। एनजीटी का स्पष्ट निर्देश है कि फ्लड प्लेन का सीमांकन 1 मीटर कंटूर के आधार पर किया जाए, न कि केवल DEM पर।

You Might Also Like

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में व्यय वित्त समिति की बैठक, प्रस्तावों को मिली संस्तुति

भारी मात्रा में अवैध मादक पदार्थो के साथ 02 अंतरराज्यीय नशा तस्कर आये दून पुलिस की गिरफ्त में

आईएमए 157वीं पासिंग आउट परेड में देशभक्ति का ज्वार, कविता और कदमताल ने भरा जोश

20 दिसंबर तक केएमवीएन-जीएमवीएन की सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के मुख्यमंत्री के निर्देश

मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में संचालित किया जाएगा ‘‘जन जन की सरकार-जन जन के द्वार’’ अभियान

TAGGED:after NGT tightens its grip on Ganga floodplains not being finalisedChief Secretary summonedfor 2.5 yearsUttarakhand
Share This Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Share
Previous Article आईएमए 157वीं पासिंग आउट परेड में देशभक्ति का ज्वार, कविता और कदमताल ने भरा जोश
Next Article भारी मात्रा में अवैध मादक पदार्थो के साथ 02 अंतरराज्यीय नशा तस्कर आये दून पुलिस की गिरफ्त में
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay Connected

100FollowersLike
100FollowersFollow
100FollowersFollow
100SubscribersSubscribe
4.4kFollowersFollow
- Advertisement -
Ad imageAd image

Latest News

पीआर विजन–2047 विकसित भारत के निर्माण में निभाएगा अहम भूमिका: सीएम धामी
उत्तराखण्ड December 14, 2025
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड महक क्रांति नीति-2026-36 का किया शुभारम्भ
उत्तराखण्ड December 14, 2025
163 बिल्डरों को रेरा का नोटिस, कॉमन एरिया की रजिस्ट्री खरीदारों के पक्ष में न कराने पर सख्ती
उत्तराखण्ड December 13, 2025
देहरादून में होगा जनसंपर्क का “महाकुंभ” — 47वीं ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशंस कॉन्फ्रेंस 13–15 दिसंबर तक
उत्तराखण्ड December 13, 2025
Devbhumi DiscoverDevbhumi Discover
Follow US
© 2023 Devbhumi Discover. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?