उत्तराखंड में प्रतिवर्ष होने वाली चार धाम यात्रा का स्वरूप धीरे-धीरे बदलता जा रहा है प्रदेश में एक ओर चारों धामों में रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु पहुंच रहे हैं वहीं दूसरी ओर चारों धामों के पुनर्निमाण का कार्य भी तेजी से चल रहा है। केंद्र सरकार के सहयोग से केदारनाथ धाम के पहले चरण का काम पूरा होने के बाद अब दूसरे चरण का कार्य शुरू हो गया है, इधर बदरीनाथ धाम में भी पुनर्निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। बदरीनाथ धाम को भव्य बद्रीश पुरी के रूप में मास्टर प्लान के तहत विकसित किया जा रहा है। हाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ₹ 1267 करोड़ की लागत से बनने वाले गौरीकुंड – केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास किया, इस रोपवे की लंबाई 9.7 किमी है यह रोपवे गौरीकुंड, चीरबासा, लिंचौली होते हुए केदारनाथ जाएगा। इस रोपवे के निर्माण से जहां यात्री सुरक्षित एवं आरामदायक रूप से श्री केदारनाथ धाम पहुँच सकेंगे तो यात्रा का समय भी लगभग 7 घंटे तक कम हो जाएगा।
₹200 करोड़ से अधिक का कारोबार
वर्ष 2022 में चारधाम यात्रा स्थानीय व्यवसाइयों के लिहाज़ से भी काफ़ी बेहतर रही। सिर्फ़ यात्रा के टिकट, घोड़ा खच्चरों और हेली और डंडी कंडी के यात्रा भाड़े की बात करें तो लगभग 200 करोड़ रूपये के आस- पास पूरा कारोबार हुआ। केदारनाथ धाम इस बार घोड़े खच्चर व्यवसाइयों ने क़रीब 1 अरब 9 करोड़ 28 लाख रुपए का रिकॉर्ड कारोबार किया। जिससे सरकार को भी 8 करोड रुपए से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ। यात्रा सुगम बनाने को लेकर प्रशासन ने 4302 घोड़ा मालिकों के 8664 घोड़े खच्चर पंजीकृत किए थे इस सीजन में 5.34 लाख तीर्थयात्रियों ने घोड़े खच्चरों की सवारी कर केदारनाथ धाम तक यात्रा की। वही डंडी-कंडी वालों ने 86 लाख रुपए की कमाई की और हेली कंपनियों ने 75 करोड़ 40 लाख रुपए का कारोबार किया।
GMVN की अनुमानित आय भी ₹50 करोड़ के करीब
वर्ष 2022 में चारधाम यात्रा मार्ग के सभी होटल / होमस्टे, लाज और धर्मशालाएं कपाट बंद होने तक यहीं पूरे छः माह तक बुक रही। बीते 2021 तक GMVN जहां आर्थिक नुक़सान झेल रहा था वहीँ पिछले साल GMVN ने 50 करोड़ के क़रीब अनुमानित कारोबार किया। इसके अलावा चारधाम यात्रा से जुड़े टैक्सी व्यवसायों ने भी पिछले सालों की औसत आय से तीन गुना अधिक का कारोबार किया है।
चारधाम यात्रा के आंकड़े
वर्ष यात्रियों की संख्या
2022 46 लाख 27 हज़ार
2021 5 लाख 18 हज़ार
2020 3 लाख 30 हज़ार
2019 34 लाख 10 हज़ार
2018 27 लाख 81 हज़ार
इस वर्ष बढ़ेगी संख्या
पिछले साल चारधाम यात्रा करने वालों में ना सिर्फ़ तीर्थ यात्री बल्कि देश के प्रधानमंत्री समेत कई VVIP शामिल रहे। प्रधानमंत्री ने पिछले साल 21 अक्टूबर को बदरीनाथ धाम स्थित माणा गाँव में वोकल फॉर लोकल का जिक्र करते हुए देशवासियों से आग्रह किया था कि जहां भी जाएं एक संकल्प करें कि यात्रा पर जितना भी खर्च करते हैं उसका कम से कम 5 प्रतिशत वहां के स्थानीय उत्पाद खरीदने पर खर्च करें। इन सारे क्षेत्रों में इतनी रोजी रोटी मिल जायेगी, आप कल्पना भी नही कर सकते। ऐसे में अब भविष्य को देखते हुए चारधाम यात्रा में स्थानीय उत्पादों को भी बड़ा मार्केट मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।