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Devbhumi Discover > Cover Story > विधि-विधान से खुले चारधाम के कपाट, पीएम  मोदी के नाम से हुई पहली पूजा 
Cover Story

विधि-विधान से खुले चारधाम के कपाट, पीएम  मोदी के नाम से हुई पहली पूजा 

Devbhumi Discover
Last updated: May 20, 2023 11:47 am
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देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की विधिवत शरुआत हो गई है। बीते 22 अप्रैल अक्षय तृतीया के पवन पर्व पर श्री गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए,  वहीं 25 अप्रैल को विधि विधान से श्री केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए। इसके अतिरिक्त 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के भी कपाट वैदिक मंत्रोचारण के साथ खुले। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद चारों धामों में तीर्थयात्रियों की सीमित संख्या की व्यवस्था  को भी हटा दिया गया है लिहाजा चारधाम यात्रा में इस वर्ष पिछले वर्ष के सभी रिकॉर्ड टूटने की उम्मीद है। इधर चारों धामों में पहली बार हेलीकाप्टर के जरिये पुष्प वर्षा की गई। चारों धामों  आज दोनों धाम में पहली पूजा देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  के नाम से संकल्प के साथ संपन्न हुई ।

Contents
27 को खुले बदरी विशाल के कपाटचारधाम यात्रा चरम पर है यात्रा को लेकर सरकार के स्तर पर सभी व्यवस्थाऐं की गई हैं। बदरी केदार के कामना करता हूँ कि देवभूमि में आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुफल हो । सतपाल महाराज , पर्यटन मंत्री उत्तराखंड ये है पर्यटन विभाग की तयारी 

अक्षय तृतीया पर खुले गंगोत्री यमुनोत्री के कपाट

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट विधि विधान के साथ अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर  श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए है। तय कार्यक्रमानुसार गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 12 बजकर 35 मिनट पर और  यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 41 मिनट पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए है। अगले छह माह तक श्रद्धालु गंगोत्री में मां गंगा एवं यमुनोत्री धाम में मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे। इस अवसर पर  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खरशाली, यमुनोत्री में पूजा अर्चना की।  उसके बाद मां यमुना जी की उत्सव डोली को शनि देव की अगुवाई में खरशाली से यमुनोत्री धाम के लिए रवाना किया।  गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल ने बताया कि शुक्रवार को 12:15 मिनट पर  मां गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई। रात्री विश्राम भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर में करने के उपरांत अगले दिन सुबह 8 बजे मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री धाम पहुंची। जहां विधिविधान के साथ गंगा पूजन, गंगा सहस्त्रनाम पाठ एवं विशेष पूजा अर्चना के बाद सर्वाथ अमृत सिद्ध योग पर 12:35 पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए।
यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव  सुरेश उनियाल ने बताया कि मां यमुना की डोली शनिवार सुबह अक्षय तृतीय के पर्व पर अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव से प्रात: 8 बजे शनिदेव की अगुवाई में यमुनोत्री धाम को रवाना हुई। डोली 11 बजे यमुनोत्री धाम पहुंची। जहां पूजा अर्चना एवं हवन करने के बाद वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ अभिजीत मूहूर्त में 12:41 पर यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिए गए है।

विधि विधान से खुले बाबा केदार के कपाट

ग्याहरवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट विधि विधान के साथ 25 अप्रैल को  सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिये गये। रावल भीमाशंकर लिंग तथा पुजारी शिवलिंग एवं धर्माचार्यों द्वारा  पूजा अर्चना की गई। कपाट खुलते समय सेना के बैंड तथा भजन कीर्तन एवं जय श्री केदार के उदघोष से केदारनाथ धाम गुंजायमान रहा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गयी। श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री केदारनाथ में पूजा-अर्चना कर देश एवं प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। सभी देश एवं प्रदेशवासियों के सुखमय जीवन की उन्होंने बाबा केदार से प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं का स्वागत भी किया। मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में मुख्य सेवक द्वारा आयोजित भंडारा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया ।

27 को खुले बदरी विशाल के कपाट

भगवान श्री बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 27 अप्रैल को सुबह 7.10 बजे शुभ मुहूर्त पर ब्रहम बेला में पूरे वैदिक मंत्रोचारण एवं विधि विधान के साथ श्रद्वालुओं के लिए खुल गए है। कपाटोद्घाटन के साक्षी बनने के लिए हजारों संख्या में श्रद्वालु धाम मौजूद थे। गुरूवार को सुबह चार बजे से कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई। कुबेर जी, श्री उद्वव जी एवं गाडू घडा दक्षिण द्वार से मंदिर में परिसर में लाया गया। इसके बाद मंदिर के मुख्य पुजारी रावल समेत धर्माधिकारी, हकहकूधारी एवं श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों द्वारा प्रशासन एवं हजारों श्रद्वालुओं की मौजूदगी में विधि विधान के साथ मंदिर के कपाट खोले गए। मुख्य पुजारी वीसी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने गर्भगृह में भगवान बद्रीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना करते हुए सबके लिए मंगलमय की कामना की। पहली पूजा प्रधानमंत्री मोदी के नाम से की गई। इसके साथ ही ग्रीष्मकाल के लिए बद्रीनाथ के दर्शन शुरू हो गए है। कपाटोद्घाटन के अवसर पर बद्रीनाथ मंदिर को 15 कुंतल फूलों से सजाया गया।
हल्की बर्फबारी व बारिश के बीच सेना की टुकडी ने बैण्ड की मधुर धुन तथा स्थानीय महिलाओं के पारम्परिक संगीत व नृत्य के साथ भगवान बद्रीनाथ की स्तुति ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देशों के अनुरूप बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर तीर्थ यात्रियों के स्वागत में हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा से श्रद्वालु गदगद हो उठे। कपाट खुलने के एक दिन पूर्व से ही बदरीनाथ  धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। पहले दिन ही हजारों श्रद्धालुओं ने बद्रीनाथ में अखण्ड ज्योति एवं भगवान श्री बद्रीनाथ के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ एवं बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है।
वर्जन-photo के साथ 
चारधाम यात्रा को सुगम एवं सुरक्षित बनाने के लिए हर संभव प्रयास किये गये हैं। समाजिक संगठनों, स्वयं सेवी संस्थाओं का भी यात्रा के लिए पूरा सहयोग मिल रहा है। पिछले वर्षों के अनुभवों के आधार पर यात्रा व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड


चारधाम यात्रा चरम पर है यात्रा को लेकर सरकार के स्तर पर सभी व्यवस्थाऐं की गई हैं। बदरी केदार के कामना करता हूँ कि देवभूमि में आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुफल हो ।
सतपाल महाराज , पर्यटन मंत्री उत्तराखंड

ये है पर्यटन विभाग की तयारी 

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के देहरादून मुख्यालय में चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों एवं यात्रा मार्ग पर स्थित होटल धारकों की सहायता के लिए एक 15 लाइन वाला कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा है। जिन यात्रियों ने चार धाम यात्रा के लिए होटल बुकिंग करवा ली है परंतु उन्हें वेब पोर्टल अथवा मोबाइल ऐप के माध्यम से पंजीकरण नहीं मिल पा रहा है, ऐसे यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे टोल फ्री नंबर 1364 (उत्तराखण्ड से) अथवा 0135 1364 अथवा 0135-3520100 पर कॉल करके अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। यह सुविधा उत्तराखंड के उन होटल स्वामियों को भी उपलब्ध कराई जा रही है जिनके ग्राहकों को पंजीकरण नहीं मिल पाया है, वह भी उपरोक्त नंबरों पर कॉल कर अपने अथितिओं का पंजीकरण करवा सकते हैं। यद्यपि इस प्रकार के मामलों में संबंधित द्वारा अपनी होटल बुकिंग की डिटेल ईमेल आईडी touristcareuttarakhand@gmail.com पर आवश्यक रूप से प्रेषित की जानी होंगी।

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