देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की विधिवत शरुआत हो गई है। बीते 22 अप्रैल अक्षय तृतीया के पवन पर्व पर श्री गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए, वहीं 25 अप्रैल को विधि विधान से श्री केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए। इसके अतिरिक्त 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के भी कपाट वैदिक मंत्रोचारण के साथ खुले। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद चारों धामों में तीर्थयात्रियों की सीमित संख्या की व्यवस्था को भी हटा दिया गया है लिहाजा चारधाम यात्रा में इस वर्ष पिछले वर्ष के सभी रिकॉर्ड टूटने की उम्मीद है। इधर चारों धामों में पहली बार हेलीकाप्टर के जरिये पुष्प वर्षा की गई। चारों धामों आज दोनों धाम में पहली पूजा देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से संकल्प के साथ संपन्न हुई ।
अक्षय तृतीया पर खुले गंगोत्री यमुनोत्री के कपाट
विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट विधि विधान के साथ अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए है। तय कार्यक्रमानुसार गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 12 बजकर 35 मिनट पर और यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 41 मिनट पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए है। अगले छह माह तक श्रद्धालु गंगोत्री में मां गंगा एवं यमुनोत्री धाम में मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खरशाली, यमुनोत्री में पूजा अर्चना की। उसके बाद मां यमुना जी की उत्सव डोली को शनि देव की अगुवाई में खरशाली से यमुनोत्री धाम के लिए रवाना किया। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल ने बताया कि शुक्रवार को 12:15 मिनट पर मां गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई। रात्री विश्राम भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर में करने के उपरांत अगले दिन सुबह 8 बजे मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री धाम पहुंची। जहां विधिविधान के साथ गंगा पूजन, गंगा सहस्त्रनाम पाठ एवं विशेष पूजा अर्चना के बाद सर्वाथ अमृत सिद्ध योग पर 12:35 पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए।
यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल ने बताया कि मां यमुना की डोली शनिवार सुबह अक्षय तृतीय के पर्व पर अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव से प्रात: 8 बजे शनिदेव की अगुवाई में यमुनोत्री धाम को रवाना हुई। डोली 11 बजे यमुनोत्री धाम पहुंची। जहां पूजा अर्चना एवं हवन करने के बाद वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ अभिजीत मूहूर्त में 12:41 पर यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिए गए है।
विधि विधान से खुले बाबा केदार के कपाट
27 को खुले बदरी विशाल के कपाट
हल्की बर्फबारी व बारिश के बीच सेना की टुकडी ने बैण्ड की मधुर धुन तथा स्थानीय महिलाओं के पारम्परिक संगीत व नृत्य के साथ भगवान बद्रीनाथ की स्तुति ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देशों के अनुरूप बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर तीर्थ यात्रियों के स्वागत में हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा से श्रद्वालु गदगद हो उठे। कपाट खुलने के एक दिन पूर्व से ही बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। पहले दिन ही हजारों श्रद्धालुओं ने बद्रीनाथ में अखण्ड ज्योति एवं भगवान श्री बद्रीनाथ के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ एवं बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है।
चारधाम यात्रा को सुगम एवं सुरक्षित बनाने के लिए हर संभव प्रयास किये गये हैं। समाजिक संगठनों, स्वयं सेवी संस्थाओं का भी यात्रा के लिए पूरा सहयोग मिल रहा है। पिछले वर्षों के अनुभवों के आधार पर यात्रा व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड
चारधाम यात्रा चरम पर है यात्रा को लेकर सरकार के स्तर पर सभी व्यवस्थाऐं की गई हैं। बदरी केदार के कामना करता हूँ कि देवभूमि में आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुफल हो ।
सतपाल महाराज , पर्यटन मंत्री उत्तराखंड
ये है पर्यटन विभाग की तयारी
चारधाम यात्रा चरम पर है यात्रा को लेकर सरकार के स्तर पर सभी व्यवस्थाऐं की गई हैं। बदरी केदार के कामना करता हूँ कि देवभूमि में आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुफल हो ।
सतपाल महाराज , पर्यटन मंत्री उत्तराखंड
ये है पर्यटन विभाग की तयारी