By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Devbhumi DiscoverDevbhumi DiscoverDevbhumi Discover
  • उत्तरप्रदेश
  • उत्तराखण्ड
  • क्राइम
  • खेल
  • दुनिया
  • देश
  • धर्म
  • पर्यटन
  • E-Paper
  • राजनीति
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
Search
Recent Posts
  • विधानसभा में IIPAST और हिमालयन यूनिवर्सिटी के बीच सहयोग समझौता
  • रिवर्स पलायन के प्रेरणादायक उदाहरण बने गुंज्याल और नेगी : मुख्यमंत्री
  • मुख्यमंत्री ने किया ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ आउटलेट का उद्घाटन
  • उत्तराखण्ड के 6 राजनैतिक दलों को चुनाव आयोग का नोटिस
  • कांवड़ यात्रा के चलते सूचना आयोग ने हरिद्वार में अपीलों की सुनवाई स्थगित की
  • Advertise
© 2023 Devbhumi Discover. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs
Reading: उत्तराखंडी फिल्मों का संक्षिप्त इतिहास
Share
Notification Show More
Font ResizerAa
Devbhumi DiscoverDevbhumi Discover
Font ResizerAa
  • उत्तरप्रदेश
  • उत्तराखण्ड
  • क्राइम
  • खेल
  • दुनिया
  • देश
  • धर्म
  • पर्यटन
  • E-Paper
  • राजनीति
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
Search
  • उत्तरप्रदेश
  • उत्तराखण्ड
  • क्राइम
  • खेल
  • दुनिया
  • देश
  • धर्म
  • पर्यटन
  • E-Paper
  • राजनीति
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
Follow US
  • Advertise
© 2023 Devbhumi Discover. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs
Devbhumi Discover > Editorial > उत्तराखंडी फिल्मों का संक्षिप्त इतिहास
Editorialलेख-आलेख

उत्तराखंडी फिल्मों का संक्षिप्त इतिहास

Devbhumi Discover
Last updated: May 20, 2023 12:00 pm
Devbhumi Discover
Share
7 Min Read
SHARE

 भीष्म कुकरेती

 सन 1880 में मूवी कैमरा का अन्वेषण हुआ और तभी से मूवी फिल्मो का प्रचलन भी शुरू हुआ।फ्रांस की लुमिरे कम्पनी ने 1895 में प्रथम मूवी फिल्म प्रदर्शित की। फिल्मों ने प्रत्येक समाज की कला, साहित्य, धर्म, दर्शन, मनोविज्ञान , विज्ञान को प्रभावित किया। भारत में प्रथम मूक फिल्म दादा फाल्के कृत  ‘राजा हरिश्चंद्र ‘ है तो प्रथम वाक् फिल्म ‘आलम आरा’ है।

  फिल्म बनाने में कई तकनीकों, रचनाधर्मिताओं व  वित्तीय संसाधनों की संगठनात्मक जंक जोड़ की आवश्यकता ही नही पड़ती अपितु फिल्म निर्माताओं को सिनेमा प्रदर्शन के कई जटिल समस्याओं से भी जूझना पड़ता है। यही कारण है कि गढ़वाली- कुमाउनी जैसी फ़िल्में मूवी चित्रों की आने के बाद भी सौ साल तक नही आ पाई। गढवाली-कुमाउनी जैसी भाषाओं की कुछ मूलभूत समस्याएं हैं -दर्शकों का एक जगह ना हो कर देस विदेशों में बिखरा होना, फिल्म निर्माण व्यय व फिल्म प्रदर्शन विक्री में जमीन आसमान का अन्तर। यह एक सास्त्व सत्य है कि गढ़वाली -कुमाउनी फिल्म निर्माता को फिल्म लाभ हेतु नही अपितु सामाजिक कार्य हेतु फिल्म बनानी पड़ती है। यंहा तक कि उत्तराखंडी ऐलबम निर्माता घाटे में रहते हैं और तथाकथित वितरक ही मुनाफ़ा कमाते हैं। फिर सरकारी वित्तीय सहायता का कोई ठोस प्रवाधान ना तो उत्तर प्रदेस में  था ना ही कोई प्रेरणा दायक स्थानीय भाषाई फ़िल्म निर्माण नीति उत्तराखंड राज्य में है।  यही कारण है कि मूवी के अन्वेषण के सौ साल बाद ही प्रथम उत्तराखंडी फिल्म गढ़वाली भाषाई फिल्म ‘जग्वाळ’ सन 19८३ में ही प्रदर्शित हो सकी।  5 मई  1983 का दिन उत्तराखंड के लिए एक यादगार दिन है जिस दिन प्रथम  उत्तराखंड फिल्म  ‘जग्वाळ’ प्रदर्शित हुयी।  प्रथम उत्तराखंडी फिल्म गढ़वाली भाषाई फिल्म ‘जग्वाळ’ निर्माण व प्रदर्शन का पूरा श्रेय गढवाली के नाट्य  शिल्पी पाराशर गौड़ को जाता है।

 गढ़वाली की दूसरी फिल्म बिन्देश नौडियाल की ‘कभी सुख कभी दुःख ‘ सन 1885 में प्रदर्शित हुयी थी।  यह फिल्म गढ़वाली चलचित्र इतिहास का एक काला अध्याय ही माना जायेगा। इस फिल्म में पहाड़ों मे डाकू घोड़ों में दौड़ना व भीभत्स  हास्य दिखाया  गया था।  1986 साल उत्तराखंडी फिल्मो के लिए प्रोत्साही वर्ष रहा है। सन 1986 में मुंबई के उद्यमी विशेश्वर नौटियाल द्वारा निर्मित , तरन तारण के निर्देशन में ‘घर जंवै’ फिलम बौण। यह  फिल्म कई मायनों में एक सफल फिल्म मानी जाती है। सन 1986 में शिव नारायण रावत निर्मित और तुलसी घिमरे निर्देशित गढ़वाली फिल्म ‘प्यारो रुमाल’ प्रदर्शित हुयी। इस साल जय देव शील निर्मित व चरण सिंह चौहान निर्देशित फिल्म ‘कौथिक’ दर्शकों को देखने मिली इसी वर्ष बद्री आशा फिल्म्स के बैनर के तहत सुरेन्द्र बिष्ट की निर्मित व निर्देशित गढ़वाली फिल्म ‘उदंकार’ प्रदर्शित हुयी। स्मरण रहे कि सुरेन्द्र सिंह बिष्ट ने कई गढवाली वीडियो ऐल्बम भी निर्मित किये।

 उत्तराखंडी फिल्मों में सन 1987 का अपना महत्व है इस साल कुमाउनी भाषा की प्रथम फिल्म जीवन बिष्ट निर्मित ‘मेघा आ’ प्रदर्शित हुयी। ‘मेघा आ’ का निर्देशन काका शर्मा का था। सन 1990 में किशन पटेल निर्मित सोनू पंवार दिग्दर्शित गढ़वाली फिल्म ‘रैबार’ प्रदर्शित हुयी। सन 1992 में सीताराम भट्ट निर्मित ‘बंटवारो’ गढ़वाली फिल्म दर्शकों के सामने आयी। उर्मि नेगी द्वारा निर्मित और चरण सिंह चौहान निर्देशित गढ़वाली फिल्म ‘फ्यूंळी’ सन 1993 में रिलीज हुयी। सन 1996 में ग्वाल दम्पति ने चन्द्र ठाकुर के निर्देशन में ‘बेटी’ फिल्म निर्मित की। सन 1997 में नरेंद्र गुसाईं व नरेंद्र खन्ना रचित फिल्म ‘चक्रचाळ’ फिल्म रिलीज हुयी थी। महावीर नेगी निर्देशित व सूर्य प्रकाश शर्मा निर्मित गढ़वाली  फिल्म ‘ब्वारि ह्वाऊ त इनि ह्वाउ’  सन 1998 प्रदर्शित हुयी। महावीर नेगी निर्देशन में  दूसरी फिल्म ‘सत मंगऴया। भी बनी थी।

रामी बौराणी की प्रसिद्ध कथा-कविता पर आधारित सावित्री रावत और सुशिल बब्बर निर्देशित गढ़वाली फिल्म  ‘गढ़रामी बौराणी’ ने सन 2001 दर्शकों को लुभाया। 2002 में अविनाश पोखरियाल द्वारा  ‘किस्मत’ निर्मित-प्रदर्शित गढ़वाली फिल्म  अपने समय की सबसे मंहगी फिल्म मानी जाती है। बलविंदर निर्मित गढ़वाली फिल्म ‘जीतू बगड्वाळ’ सन  2003  में रिलीज हुयी।

उत्तराखंड आन्दोलन के रामपुर तिराहा काण्ड घटना पर आधारित बहु प्रचारित गढ़वाली फिल्म ‘तेरी सौं’ (2003) के  निर्माता अनिल जोशी है और निर्देशक अनुज जोशी। आर्श  मलिक प्रोडक्सन ने ‘चल कखि दूर जौला’ गढ़वाली फिल्म 2003  प्रदर्शित की। महेश्वरी फिल्म की ‘औंसी की रात ‘ गढ़वाली फिल्म 2004 में रिलीज हुयी। सन 2004 में उत्तरांचल फिल्म्स की प्रदर्शित गढ़वाली फिल्म ‘मेरी गंगा होली त मीमु  आली’ मे नरेंद्र सिंह नेगी ने गीतकार ओर संगीतकार की भूमिका निभायी। सन 2004-05 में  उत्तरा कम्युनिकेसन के बैनर तले मुकेश धष्माना की गढ़वाली फिल्म ‘मेरी प्यारी बोइ’ प्रदर्शित हुइ।

हिंदी फिल्म की डब  की गयी  गढ़वाली फिल्म ‘छोटी ब्वारी’ सन 2004-2005 में प्रदर्शित  हुयी।  कैलाश द्विवेदी निर्मित गढ़वाली फिल्म ‘किस्मत अपणी अपणी’ सन  2005 में दर्शकों को देखने मिली। सन 2005 में ही गढ़वाली फिल्म ‘संजोग’ अंकिता आर्ट के बैनर तले रिलीज हई। कमल मेहता निर्मित दूसरी कुमाउनी फिल्म  ‘चेली’ सन 2006 में प्रदर्शित हुयी। 2006 में अमित दुआ निर्देशित फिल्म इकुलास प्रदर्शित हुयी ।  सन 2007  में कुली बेगार प्रथा पर आधारित सुदर्शन शाह निर्मित कुमाउनी फिल्म ‘मधुलि’  दर्शकों ने देखा।  सन 2007 में ही भास्कर रावत निर्मित फिल्म ‘अपुण बिराण’ दर्शकों तक पंहुची। सन् 2008 में अजय शर्मा निर्मित अनिल बिष्ट निर्देशित ‘मेरो सुहाग’ फिल्म आइ। सन् 2008 में पाराशर गौड़  और कनाडा प्रवासी असवाल द्वारा निर्मित व श्रीस डोभाल द्वारा निर्देशित गढ़वाली फिल्म ‘गौरा’ प्रदर्शित हुयी।

सन् 2009 में माधवानंद भट्ट निर्मित व राजेश जोशी निर्देशित प्रथम उत्तराखंडी फिल्म (कुमाउनी व गढ़वाली मिश्रित भाषा) रिलीज हुयी। यह फिल्म अब तक की सबसे मंहगी फिल्म है।

 ब्रह्मानन्द छिमवाल , गोपाल उप्रेती व बद्री प्रसाद अन्थ्वाल द्वारा  निर्मित व राजेन्द्र बिष्ट निर्देशित कुमाउनी फिल्म ‘याद तेरी ऐगे’ सन् 2009 में रिलीज हुयी। संतोष शाह निर्देशित व हीरा सिंह भाकुनी, वकुल रावत और खालिद द्वारा निर्मित  कुमाउनी फिल्म ‘अभिमान’ सन् 2009 में प्रदर्शित की गयी।  सन् 2010  में ‘अनुज निर्देशित गढ़वाली फिल्म ‘याद आली तेरी टीरी’ ने दर्शकों की प्रशंसा  बटोरी सन् 2012 में अनुज जोशी निर्देशित ‘मनस्वाग’  पर्यावरण व जंगली जानवरों की सुरक्षा पर उठानी वाली प्रशंशा योग्य फिम है।साल 2010 के बाद उत्तराखंड में कई फिल्मों को नए तरीके के बनाने की कोशिस की गई है। अब बीते 10 सालों से उत्तराखंड में फिल्मों को प्रोत्साहिक करने के लिए लगातार काम हो रहा है। नई फिल्म नीति में भी सरकार ने आंचलिक फिल्मों  को विशेष महत्व देने की कार्ययोजना बनाई है।

  (यह लेख उत्तराखंडी फिल्मों के जनक श्री पाराशर गौड़ को समर्पित है)

You Might Also Like

प्रदेश के सभी पोलिंग बूथों पर होगा पौधारोपण, 2 लाख पौधारोपण का लक्ष्य

CM Dhami Announces Renaming of Key Locations Across Haridwar, Dehradun, Nainital, and Udham Singh Nagar

Kedarnath-Hemkund Ropeway: A Green Corridor for Spiritual Tourism

पांच हज़ार वर्ष पुरानी है भारतीय योग परंपरा

देवभूमि डिस्कवर: औषधीय गुणों से भरपूर है काफल

TAGGED:garhwali first film historyhistory of uttarakhandi cinemajagwal filmkumauni first filmmegha aa kumauni filmuttarakhandi cinema
Share This Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Share
Previous Article विधि-विधान से खुले चारधाम के कपाट, पीएम  मोदी के नाम से हुई पहली पूजा 
Next Article देवभूमि की अनूठी सांस्कृतिक धरोहर है “रम्माण”
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay Connected

100FollowersLike
100FollowersFollow
100FollowersFollow
100SubscribersSubscribe
4.4kFollowersFollow
- Advertisement -
Ad imageAd image

Latest News

विधानसभा में IIPAST और हिमालयन यूनिवर्सिटी के बीच सहयोग समझौता
उत्तराखण्ड July 8, 2025
रिवर्स पलायन के प्रेरणादायक उदाहरण बने गुंज्याल और नेगी : मुख्यमंत्री
उत्तराखण्ड July 8, 2025
मुख्यमंत्री ने किया ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ आउटलेट का उद्घाटन
उत्तराखण्ड July 8, 2025
उत्तराखण्ड के 6 राजनैतिक दलों को चुनाव आयोग का नोटिस
उत्तराखण्ड July 8, 2025
Devbhumi DiscoverDevbhumi Discover
Follow US
© 2023 Devbhumi Discover. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?