योग हमारे जीवन में बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं। योग हमारे संस्कृति जीवन में कई हजार वर्षो से है। भारतीय योग जानकारों के अनुसार योग की उत्पत्ति भारत में लगभग 5000 वर्ष से भी अधिक समय पहले हुई थी। योग की सबसे आश्चर्यजनक खोज 1920 के शुरुआत में हुई। 1920 में पुरातत्व वैज्ञानिकों ने सिंधु सरस्वती सभ्यता को खोजा था जिसमें प्राचीन हिंदू धर्म और योग की परंपरा होने के सबूत मिलते हैं।
सिंधु घाटी सभ्यता को 3300-1700 बी.सी.ई. पूराना माना जाता है। ‘यस्मादृते न सिध्यति यज्ञो विपश्चितश्चन। स धीनां योगमिन्वति।।-ऋक्संहिता, मंडल-1, सूक्त-18, मंत्र-7। अर्थात – योग के बिना विद्वान का भी कोई यज्ञकर्म सिद्ध नहीं होता। वह योग क्या है? योग चित्तवृत्तियों का निरोध है, वह कर्तव्य कर्ममात्र में व्याप्त है। वर्ष 2015 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष पहल पर 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रुप में मनाया जाने लगा। हर वर्ष इसे अलग-अलग थीम पर मनाया जाता है। इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत पर वन वर्ल्ड, वन हेल्थ रखी गई है। इस थीम को आयुष मंत्रालय द्वारा चुना गया है। योग करने के जीवन में कई फायदे होते हैं।
योग प्राचीन भारतीय कला के लिए एक अनुष्ठान है। हमारे दैनिक जीवन में योग को जन्म देने से हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकता है। यह हमारे तनावपूर्ण जीवन के लिए एक बड़ी राहत प्रदान करता है। गुरु-शिष्य परम्परा के द्वारा योग का ज्ञान परम्परागत तौर पर एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को मिलता रहा। आज पूरे विश्व में योग का डंका बजा है।