उत्तराखंड में यूं तो आपने बहुत सारे प्रशासनिक अधिकारियों के बारे में सुना और पढ़ा होगा लेकिन आज हम अपने “ऑफिसर ऑफ़ द मंथ” श्रृखला के तहत बात कर रहे हैं उत्तराखंड के ऐसे आईएएस अफसर की जो अपनी कार्यशैली के साथ-साथ अपनी सादगी और फिटनेस के लिए भी जाने जाते हैं। उत्तराखंड कैडर 2004 बैच आईएएस अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम वर्तमान में सचिव कृषि, पशुपालन, सहकारिता, मत्स्य पालन के रूप में काम कर रहे हैं। डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम मूल रूप से आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के रहने वाले हैं। प्रशानिक सेवा में आने पूर्व पुरुषोत्तम बतौर बेटनरी डॉक्टर की पढाई कर चुके हैं. बाद में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से उन्होंने “पब्लिक पालिसी” में अपना पोस्ट ग्रेजुएशन किया। इसके साथ ही वे ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से फ़ेलोशिप भी कर चुके हैं। वर्ष 2004 में प्रशासनिक अकादमी में ट्रेनिंग के बाद पुरुषोत्तम ने पहली बार वर्ष 2005 में उत्तराखंड में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट काशीपुर के रूप में जिम्मेदारी संभाली।
डॉक्टर पुरुषोत्तम दो दशक से भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। उनके अब तक के कार्यकाल के दौरान उन्होंने 7 सालों तक केंद्र सरकार के 5 मंत्रालयों में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया। इसके साथ ही पुरुषोत्तम केंद्र सरकार में 3 केंद्रीय मंत्रियों के निजी सचिव के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। केंद्र में रहते हुए उन्होंने “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020” “एविएशन पॉलिसी” और “राष्ट्रीय पर्यटन नीति” जैसे महत्वपूर्ण मसौदों को तैयार करने में अपना योगदान दिया है।
डॉ. पुरुषोत्तम का उत्तराखंड में भी बतौर प्रशानिक अधिकारी अभूतपूव योगदान रहा है। वर्ष 2013 में जब प्रदेश केदारनाथ आपदा का दंश झेल दे रहा था उस दौरान पुरुषोत्तम को केदारनाथ आपदा में सरकार की तरफ से राहत आयुक्त के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई जिसका उन्होंने बखूबी निर्वहन किया। वर्ष 2012 से 2014 तक वे देहरादून के जिलाधिकारी के पद में रहे।
वर्तमान में डॉक्टर बीवीआरसी पुरुषोत्तम सचिव कृषि ग्रामीण विकास पशुपालन मत्स्य पालन एवं सचिव सहकारिता की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। वर्तमान में बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने राज्य में मिलेट मिशन, हेम्प नीति एवं पॉलीहाउस मिशन के मसौदों को भी तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
साइकिल से है विशेष लगवा
पुरुषोत्तम अपने व्यस्ततम कार्यक्रमों के साथ ही रोजाना लगभग 20 से 30 किलोमीटर साइकिल से सफर कर सामान्य दिनों में सचिवालय आते हैं। इनका जितना नाता एक प्रशासनिक अधिकारी होने के तौर पर अपनी कलम से है उतना ही नाता ये अपनी साइकिल से भी रखते हैं। हाल में ही गैरसैण सत्र के दौरान डॉक्टर बीवीआरसी पुरुषोत्तम भराडीसैण में अपनी साइकिल के साथ नजर आए। वीकेंड्स में वे अक्सर 50 से 80 किमी साइकिलिंग करते हैं। डॉक्टर पुरुषोत्तम को ट्रेकिंग का भी बेहद शौक है, जब भी उन्हें मौका मिलता है वो बच्चों और परिवार के साथ ट्रेकिंग के लिए भी निकल जाते हैं। आईएएस डॉ पुरुषोत्तम की प्लान्टेशन में भी खासी दिलचस्पी है वे अपने ऑफिस और घर में सैकड़ों पौधे लगा चुके हैं और स्वयं उनकी नियमित देखभाल करते हैं ।